भारतीय मूल का डबल म्यूटेंट कोरोना वेरिएंट आखिर आपके लिए हो सकता हैं कितना हानिकारक, जानिए यहाँ

देश में कोरोना के कारण होने वाली मौत का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है. हर रोज अब तीन लाख से ज्यादा नए केस सामने आने लगे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 349,691 नए कोरोना केस आए और 2767 संक्रमितों की जान चली गई है.

विशेषज्ञों का सुझाव है कि ये वेरिएन्ट 40-70 फीसद अन्य वेरिएन्ट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और मौत का खतरा 60 बढ़ाता है. P.1 को वैज्ञानिकों ने ब्राजील वेरिएन्ट का नाम दिया है और माना जाता है कि ये ज्यादा संक्रामक और खतरनाक पूर्व के म्यूटेशन की तुलना में होता है. दक्षिण अफ्रीकी वेरिएन्ट B.1.351 को कम से कम 20 देशों में पाया जा चुका है.

ब्राजील वेरिएन्ट की तरह E484K म्यूटेशन इस वेरिएन्ट को एंटी बॉडीज को चकमा देने की अनुमति देता है. इसके साथ ही N501 म्यूटेशन उसे ज्यादा संक्रामक बनाता है.

भारतीय मूल का डबल म्यूटेंट वेरिएन्ट को पहली बार मार्च के अंत में महाराष्ट्र के अंत में पहचाना गया था. वैज्ञानिकों ने उसका नाम B.1.617 के तौर पर रखा है. दोनों में E484Q म्यूटेशन और L452R म्यूटेंट होता है, जो उसे ज्यादा संक्रामक बनाता है और एंटीबॉडीज से बच रहने में उसे सक्षम बनाता है.

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