केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ किसानों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है. अब किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं और दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं. किसानों की केंद्र सरकार से मांग है कि कृषि से जुड़े कानूनों को वापस लिया जाए.
लेकिन किसानों ने गृह मंत्री का प्रस्ताव मनाने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर ही रहेंगे। बता दें गृहमंत्री अमित शाह ने बीते कल कहा था कि सड़क पर आंदोलन करने के बजाए किसान तय जगह पर आंदोलन करें।
दिल्ली बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान पिछले पांच दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. अब भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह ने दावा किया है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उनसे फोन पर बातचीत की और कहा कि आपको आपत्ति क्या है? जिसके जवाब में बूटा सिंह ने कहा कि हमको कोई शर्त के साथ बातचीत मंजूर नहीं है.
इस बयान पर बड़े किसान नेता राकेश टिकैत ने हमला बोला है। टिकैत ने कहा, अमित शाह का बयान किसानों का अपमान है। अमित शाह गुंडागर्दी जैसी बातें न बोलें. किसानों के साथ संयम के साथ बात करना चाहिए।
आज सुबह 11 बजे से एक बार फिर किसानों की बैठक शुरू हो गई है। इसमें किसान अपनी आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, “किसानों की चिंता हम करते हैं और करते रहेंगे। किसान हमारे दिल में बसते हैं, किसानों को भड़काने का काम कोई न करें।