सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को कोरोना महामारी केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से टेस्टिंग, ऑक्सीजन व वैक्सीनेशन सहित कई मुद्दों पर सवाल किए। साथ ही सोशल मीडिया पर दर्द बयां कर रहे लोगों व डॉक्टर व नर्स का भी मुद्दा उठाया।
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ”हम इस समय दूसरों की मजबूरी से पैसा नहीं कमा सकते। हमें सहानुभूति और चिंता दिखानी चाहिए और अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना चाहिए।”
कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि बीते 70 सालों में स्वास्थ्य क्षेत्र में कुछ नहीं हुआ है जो महामारी के कारण उत्पन्न हालात में अभी बहुत काम करने की ज़रूरत है। बगैर ऑक्सीजन के छटपटा रही जनता को हम सुनना चाहते हैं।
इस दौरान केंद्र की ओर से जवाब देते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘दिल्ली को 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिया गया, पर इसे मेंटेन करने की क्षमता उनके पास नहीं है।
हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन सप्लायर्स से कहा, “कृपया यह बात समझें, यह एक लड़ाई नहीं है, यह एक युद्ध है। हमें सभी को सहयोग करने की आवश्यकता है।”