दुनिया को अभी नोवेल कोरोना वायरस से जूझते हुए सालभर भी नहीं हुआ है, मगर इसके नए रूप दहशत बढ़ा रहे हैं। ब्रिटेन में मिले एक और नए ‘ज्यादा संक्रामक’ वैरियंट का दक्षिण अफ्रीका से लिंक पाया गया है। यूके के हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनकॉक के मुताबिक, उनके यहां केसेज बढ़ने के पीछे यही स्ट्रेन है।
वैज्ञानिक अभी भी मानते हैं कि एक शख्स का दूसरी बार वायरस की चपेट में आने की संभावना बहुत कम है और आम तौर से दूसरी बार संक्रमण की गंभीरता पहले के मुकाबले कम होती है. दिनों में सामने आए कुछ मामलों ने चिंता को बढ़ा दिया है. दक्षिण अफ्रीका में प्रायोगिक वैक्सीन के मानव परीक्षण के दौरान पता चला कि 2 फीसद लोग नई किस्म से संक्रमित हुए जबकि ये लोग पहले भी वायरस की पुरानी किस्म से संक्रमित हो चुके थे.
ब्राजील में भी वायरस की नई किस्म से दूसरी बार बीमार पड़ने के कई मामले सामने आ चुके हैं. अमेरिका के आईशन स्कूल ऑफ मेडिसीन के रिसर्च में खुलासा हुआ कि 10 फीसद नौ सेना के अभ्यर्थियों में संक्रमण के सबूत मिले थे और ट्रेनिंग शुरू होने से पहले निगेटिव पाए जाने के बावजूद बाद में दूसरी बार संक्रमित पाए गए.