राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी काशी से गहरा लगाव था। उन्होंने अपने जीवन काल में काशी की 13 बार यात्राएं की थीं। खादी और चरखे के संस्थागत आंदोलन में काशी विद्यापीठ पहले गांधी आश्रम की स्थापना के साथ ही सक्रिय गतिविधियों का केंद्र बन गया।
मानविकी भवन के जिस कक्ष में महात्मा गांधी ठहरे हुए थे। विद्यापीठ प्रशासन ने उस कक्ष को बापू स्मृति दीर्घा के नाम पर विकसित किया है। यहां बापू की स्मृतियां सहेजकर रखी गई हैं। 30 जनवरी को बापू की पुण्यतिथि पर पूरा देश शांति और अहिंसा के पुजारी को नमन कर रहा है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की है. इसके अलावा उन्होंने शहीदों को भी याद कर उन्हें नमन किया है. उन्होंने ट्वीट किया, “बापू की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन. उनके दिखाए गए मार्गों से करोड़ों लोगों को जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.” उन्होंने शहीद दिवस के मौके पर शहीदों को याद कर लिखा, “उन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी.”
बापू की पुण्यतिथि पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्वीट किया, “मैं कृतज्ञ राष्ट्र की तरफ से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हमें शांति, अहिंसा, सादगी, साधनों की पवित्रता और विनम्रता के उनके आदर्शों का पालन करना चाहिए.” राष्ट्रपति कोविंद ने आगे लिखा, “आइए, इस मौके पर हम उनके बताए गए रास्ते पर चलने का संकल्प लें.”