रेल एक ऐसा माध्यम है जो सस्ता और टिकाऊ है, साथ ही रेल द्वारा लाखों लोग हर दिन सफर करते हैं। पर कोरोना महामारी के कारण रेल सेवा को अस्थाई रूप से स्थगित करना पड़ा था। और फिर जब धीरे-धीरे सब खुलने लगा तो रेल सेवा की दोबरा शुरुआत की गई थी। सिर्फ उन्ही लोगों को रेल में सफर करने की इजाजत थी, जिनकी टिकट कन्फर्म थी।
रेलवे बोर्ड के सीईओ यादव के अनुसार, इसके लिए रेलवे नेशनल रेल प्लान पर काम कर रहा है. ऑन डिमांड ट्रेन चलाने के लिए 2024 तक इसमें फ्रेट कॉरिडोर तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही रेलवे ने 2024 तक जरूरी परियोजनाओं को के लिए फंड इकट्ठा में जुटी हुई है और माल ढुलाई में रेलवे माजूदा हिस्सेदारी 27 फीसदी से बढ़ाकर 2030 तक 45 करने की तैयारी की जा रही है.
कोरोना के कारण रेलवे की पर असर पड़ा है. इस साल पैसेंजर ट्रेन रेवेन्यू 4600 करोड़ रुपये रहा है जो कि पिछले साल 53 हजार करोड़ रुपये था. वहीं, रेलवे पूर्वोतर के सभी राज्यों की राजधानियों को 2023 तक रेल नेटवर्क से जोड़ने की योजना पर भी काम रहा है.