मुंबई: कोरोना की महामारी ने नि:संदेह हम सभी देशवासियों को परेशानी में डाला है। हमारा दिन भय और बैेचेनी के समाचारों को सुन कर बीत रहा हैं। ऐसे में हम सब को वर्तमान और भविष्य दोनों की चिंता है। तरह-तरह के ख़यालात में शांत रहना हर किसी के लिए कठिन हो जाता है। चिंता और तनाव किसी भी समस्या का समाधान कतई नहीं हो सकता है, बल्कि यह हमारी मुश्किलों को और बढ़ा देती है। कोरोना की महामारी में मानसिक तनाव से मुक्त रहना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। खासतौर से कोरोना जैसी आपदा के बीच तो हमारा स्वस्थ रहना और ज्यादा जरूरी हो गया है।
स्वयं और परिवार को मानसिक रूप से स्वस्थ, सुरक्षित और मजबूत रखने के लिए हमें सही सोच और दिनचर्या को सही बनाना होगा। घर का माहौल भी सहज, सरल और आनंदित रखें। हम सभी सकारात्मक सोचेंगे तो कोरोना को जल्द ही हरा देंगे। आइये, कोरोना की महामारी में मानसिक तनाव से बचने के लिए हम दिए गये सुझाव को अमल में लाएं और खुद को स्वस्थ एवं निरोगी रखें।
- भविष्य के बारे में तनाव न पालें। कोई भी आपदा-विपदा कुछ समय के लिए आती है। समय फिर बदलेगा, ऐसा ही सकारात्मक सोचें।
- लॉकडाउन में प्रत्येक दिन टाइम टेबल बनाकर समय व्यतीत करें। आत्मबल को मजबूत बनाने के लिए सुबह शाम मेडिटेशन करें।
- खुद को जानने और समझने में कुछ समय अवश्य दें।
- जितना हो सके घर में खाने की सामग्री भरपूर मात्रा में रखें। व्यायाम और मनोरंजन भी करें। परिवार को समय दें और अपने आसपास और रिश्तेदारों से संपर्क में रहें, रिश्तों को मजबूत बनाने का यह उचित समय है।
- ज्ञानवर्धन के लिए अध्ययन और रिसर्च भी करें।
- वर्क फ्रॉम होम के तहत पेंडिंग काम भी समय पर पूरा करें।
- अपनी प्रतिभा के अनुसार कुकिंग, सिंगिंग, पेंटिंग, राइटिंग, रीडिंग का आनंद उठाएं। परिवार के साथ पुरानी और सुखद बातों को फिर याद करें।
- अपडेट जरूर रहें, लेकिन दिनभर खबरें न सुनें-पढ़ें। नकारात्मक खबरों से भी दूर रहें।
- डब्ल्यूएचओ और चिकित्सा विभाग की गाइडलाइन को फॉलो करें। लॉकडाउन के नियमों को न तोड़ें।
- बुजुर्गों को पर्याप्त समय दें। उनके अतीत पर चर्चा करें। बच्चों को दादा-दादी, नाना-नानी के साथ समय बिताने दें।
- नौकरी, ऑफिस, व्यापार इत्यादि को लेकर भविष्य की चिंता फिलहाल अभी न पालें तो ज्यादा अच्छा होगा। आध्यात्म से भी जुड़ें।
घर पर ही रहें, याद रखें ..जान है तो जहान है।