LAC पर मौजूदा तनाव के हालात में भारत और चीन दोनों ही देशों की सेनाएं लद्दाख में पीछे हटने को लेकर बातचीत कर रही हैं लेकिन खबरें कह रही हैं कि भारतीय सेना यहां अपनी मौजूदगी को मज़बूत करने के पक्ष में है.
यानी जो अतिरिक्त सैन्य बल लद्दाख में एलएसी पर भेजे गए हैं, वो सर्दियों में भी बॉर्डर पर तैनात रहेंगे. यह फैसला हालात की संजीदगी ज़ाहिर करता ही है, यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि हाड़ कंपा देने वाली ठंड में यहां हमारे सैनिकों के जीने और रहने के तमाम इंतज़ाम होते कैसे हैं?
क्योंकि पूर्वी लद्दाख के जिन इलाकों में भारतीय सेना का चीन से टकराव चल रहा है वो बेहद ही दुर्गम इलाका है और वहां तक सर्दियों के मौसम में सप्लाई लाइन को सुचारू रूप से चलाना बेहद मुश्किल काम होता है. आखिरकार भारत की सर्दियों के मौसम के लिए क्या तैयारिया हैं.
ये जानने के लिए सेना के फॉरवर्ड सप्लाई डिपो पर पहुंची. यहां सेना के गोदामों में खाने-पीने का स्पेशल राशन से लेकर ड्राइ राशन से अटे पड़े हैं. टॉफी-चॉकलेट, बॉनबिटा से लेकर दाल, चावल, आटा, बेसन सब कुछ गोदामों में भरा पड़ा है.
यानि अगर लेह-लद्दाख में अगले एक साल तक भी कोई सप्लाई ना हो तब भी एलएसी पर तैनात 50 हजार सैनिकों के खाने पीने का इंतजाम है. ये इसलिए मुमकिन हो पाया है क्योंकि भारतीय सेना 13 लाख सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसए बड़ी सेना है.