मुंबई: अपने होनेवाले बच्चों के प्रति हर होनेवाली माँ के खूबसूरत सपने होते हैं। पर मुम्बई की एक महिला ने कहा है, जन्म लेते ही मेरा बच्चा मर जाये, यही दुआ है। इस महिला ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि मेडिकल जाँच में उसे पता चला था कि उसके होनेवाले बच्चे को एक रेयर बीमारी है, जो महिला के भाई को भी है। इस आधार पर महिला ने सुप्रीम कोर्ट में गर्भपात की अर्जी लगाई थी, परंतु कोर्ट ने मना कर दिया।
मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा एक रेयर बीमारी एरनाल्ड चेयरी टाइप-2 सिंड्रोम से पीड़ित है, जिसमें बच्चे का ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता। बहरहाल, उनकी जिंदगी बदतरीन होने के आसार अधिक होते हैं। इसे रेयर डिसीज माना जाता है। महिला ने बताया,
हमें बच्चे के असमान्य होने की बात प्रेग्नेंसी के 6 हफ्ते बाद सरकारी हॉस्पिटल की एक सोनोग्राफी में पता चली। तब डॉक्टर ने कुछ नहीं कहा, अगले महीने दोबारा जांच के लिए कहा। जब प्राइवेट डॉक्टर के पास गए, तो सिंड्रोम के बारे में जानकारी मिली।
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के अनुसार, सिर्फ 20 सप्ताह तक अबॉर्शन की अनुमति है। इसे बढ़ाकर 24 सप्ताह करने की सिफारिश की गई है, किन्तु इसे संसद से स्वीकृति नहीं मिली।
गौरतलब है कि एक वर्ष के भीतर मुंबई में यह दूसरा केस सामने आया है, जब 20 सप्ताह से अधिक समय के गर्भ के अबॉर्शन की इजाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है।