पास रह के न करो बात
दूर हो जाओ ।
अभी हैं मुश्किलें हालात
दूर हो जाओ ।
आ रही है, कॅरोना की बारात
दूर हो जाओ ।
एक दूसरे से सब कर रहे सवालात
दूर हो जाओ ।
अभी है बहुत घनेरी रात
दूर हो जाओ ।
चुप के से न करो बात
दूर हो जाओ ।
यह है इक्कीस दिनों की बात
दूर हो जाओ ।
हम हैं बंदिशों के साथ
दूर हो जाओ ।
अब करो न प्रेम की बात
दूर हो जाओ ।
ये है हादसों के दिन- रात
दूर हो जाओ ।
अब काबू में करो जज़्बात ।
दूर हो जाओ ।।
- डॉ.मीरा त्रिपाठी पांडेय (मुंबई, महाराष्ट्र )