मुंबई: नववर्ष के पहले दिन से महाराष्ट्र में जारी जातीय संघर्ष के बाद बुधवार को बहुजन महासंघ के नेता और भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर द्वारा बुलाया गया बंद वापस ले लिया गया है। प्रकाश आंबेडकर ने महाराष्ट्र बंद की बड़ी सफलता और राज्य भर में लोगों का समर्थन का दावा करने के बाद इसे वापस लिया है।
बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश अंबेडकर ने बताया कि महाराष्ट्र बंद के आवाहन का 250 दलित संगठनों ने सपोर्ट किया था। बता दें कि सोमवार को पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम में दो गुटों की हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई थी। इसके बाद जातीय हिंसा मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, अहमदनगर जैसे 18 शहरों तक फैल गई। बहुजन महासंघ, महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फ्रंट, महाराष्ट्र लेफ्ट फ्रंट समेत 250 से ज्यादा दलित संगठनों ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का की घोषणा की थी, जिसके बाद मुंबई, ठाणे और औरंगाबाद समेत राज्य के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए।
मुंबई व ठाणे में कड़ी पुलिस व्यवस्था होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों द्वारा जगह-जगह ट्रेनों की आवाजाही को रोकने का प्रयास किया गया, जिससे ट्रैन-सेवाएं प्रभावित हुईं, वहीं सुरक्षा के मद्देनजर एसी लोकल ट्रैन को आज रद्द कर दिया गया। ठाणे, कलवा, कुर्ला, घाटकोपर, साकीनाका, पवई, बांद्रा, दादर, परेल, अंधेरी, गोरेगांव, मलाड, कांदिवली, नालासोपारा आदि स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया व रेल एवं बस यातायात को रोकने का पूरा प्रयास किया, वहीं प्रदर्शनकारियों ने दुकानों को भी बंद करवाया। कई स्थानों पर बेस्ट की बसों में तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं, जिसमें एक व्यक्ति के घायल होने की खबर है। कुछ स्थानों पर ऑटोरिक्शा व कार में भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़-फोड़ किया। बढ़ते तनाव के कारण मुंबई में अधिकांश स्कूल व कॉलेज दोपहर तक बंद हो गए थे। बंद का असर पूरी मुंबई में साफ़ दिखाई दे रहा था। ख़बर लिखे जाने तक मुम्बई साकीनाका व कुछ अन्य क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन जारी था।
ठाणे में एडमिनिस्ट्रेशन ने 4 जनवरी तक 144 धारा लगा दी गई है। यहां के ज्यादातर स्कूल और कॉलेज बंद हैं। वहीं, पुणे से बारामती और सतारा जिलों को जाने वाली बसें भी फिलहाल बंद कर दी गई हैं।
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