गरीबी व कर्ज में डूबे किसान की ट्रेन से कटकर मौत, मर्डर या आत्महत्या?

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जौनपुर/मीरगंज: मीरगंज थाना क्षेत्र के जरौना (नरवापर) निवासी एक अधेड़ ने कर्ज लिया हुआ धन वापस न कर पाने एवं आर्थिक तंगी से तंग आकर एजे पैसेंजर ट्रेन से कटकर जान दे दी। उसकी लाश जरौना रेलवे स्टेशन से चार सौ मीटर पश्चिम रेल ट्रैक के किनारे मिली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया गया और पिता की तहरीर पर आरोपित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में जुट गयी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जरौना गांव के नरवापर निवासी अरविंद विश्वकर्मा पुत्र भोला विश्वकर्मा ने कुछ माह पूर्व क्षेत्र के कछोटा गांव निवासी कलेक्टर पुत्र इंद्रराज चौहान से कुछ कर्ज के रूप में धन लिया था। समय ज्यादा दिन बीत जाने पर कलेक्टर अपना रुपया जब मांगने लगा, तो वह आज कल करते हुए समय व्यतीत करने लगा। इसी बीच बीते सोमवार के दिन कलेक्टर ने मृतक की बाइक को रख लिया और पैसा वापस कर देने पर ही बाइक को वापस करने की बात कही। जिस पर दोनों के बीच हलकी नोंक झोंक भी हुई, लेकिन बाइक न मिलने पर वह काफी नाराज होकर चला गया। जिसके बाद बुधवार के दिन सुबह जंघई-जौनपुर रेलप्रखण्ड पर स्थित जरौना स्टेशन के पश्चिम तरफ मेदपुर बनकट गांव के समीप एजे पैसेंजर ट्रेन से कटकर उसने जान दे दी। इस मनहूस खबर की जानकारी होते ही परिजनों में कोहराम मच गया। घटना की जानकारी होते ही मौके पर सैकड़ों की भीड़ जमा हो गयी। सूचना पर डायल 100 एवं थानाध्यक्ष मीरगंज पन्नालाल मयफोर्स मौके पर पहुंच गये और शव को कब्जे में लेकर कानूनी कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिया भेज दिया।

किसान की ट्रेन से कटकर मौत

थानाध्यक्ष मीरगंज पन्नालाल ने बताया कि मृतक के पिता भोलानाथ के तहरीर पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। माना जा रहा है कि गरीबी से लाचार होकर अरविंद ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घर वालों के अनुसार सुबह घर से चुपचाप उठकर थोड़ी दूर स्थित रेलवे लाइन की ओर गया। मृतक की चार संतानें हैं, जिनमें राहुल (17), रोहित (14), मोहित (11) एवं पुत्री आँचल (9) वर्ष है। घटना से आहत पत्नी सीता देवी बेसुध हो जा रही है। होश आने पर उसके मुख से यही निकल रहा है, भगवान गरीबी में यह क्या कर दिया, अब इन बच्चों का क्या होगा? वहीं मृतक अरविंद के पिता भोलानाथ विश्वकर्मा की तहरीर पर पुलिस आरोपियों के ऊपर कानूनी कार्रवाई में जुट गयी है।

शिकायतकर्ता के अनुसार मृतक ने चौहान के यहां से ईंट खरीदी थी। उसका कुछ पैसा बाकी था। निर्धारित समय पर ना देने के कारण चौहान लोगों के द्वारा मृतक को अपने घर काम करने के बहाने से बुलाकर घर में  मारा-पीटा गया और उसकी बाइक ले ली गयी व उसे बहुत जलील भी किया गया। इसका पता नही चल पा रहा है कि उसने खुद आत्महत्या की है या उसकी हत्या हुई है। मृतक के पिता का कहना है कि थाने प्रार्थनापत्र लेकर जाने के बाद पुलिस वाले ने कहा कि मैंने तुम्हारी FIR ऑनलाइन कर दी है घर जो मैं कल सुबह विवेचना के लिए आऊंगा। बड़ा सवाल यह है कि तहरीर थाने में मृतक के पिता ने नहीं दी, तो FIR कैसे दर्ज हुआ? 7 अगस्त को शाम को चौहान लोग बुलाये थे और 8 की सुबह बॉडी रेलवे लाइन के किनारे मिलती है! 8 अगस्त को ही पोस्टमार्टम होकर अंतिम संस्कार हो जाता है!

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