कानपुर। बिकरु कांड में दो जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे का खजांची आखिरकार पुलिस के रडार में आ ही गया। जिसके बाद सोमवार शाम सघन पूछताछ के बाद उसको जेल भेज दिया इस दौरान उसने अपने बचाव में कई बातें कही।
हालांकि युपीएसटीएफ और यूपीपुलिस कि पूछताछ के बाद रविवार को विकास के खजांची जय बाजपेई को क्लीन चिट देकर उसको छोड़ दिया गया था। रविवार देर रात करीब 11 बजे संदिग्ध पूछताछ के लिए फिर से जय बाजपेई सहित उसके एक साथी प्रशांत शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को पुलिस की पूछताछ के बाद जय बाजपेई सहित प्रशान्त शुक्ला को जेल भेज दिया गया। इस दौरान जय बाजपेई ने अपने आप निर्दोष बताते हुए कहा कि मीडिया के सामने कहा कि विकास दुबे से केवल 11 लाख 80 हजार रुपए का लेनदेन था, जोकि विकास से उधार लिए थे। उसने कहा कि इस घटना से मेरा कोई सम्बन्ध नहीं है, पुलिस ने छोड़ने के बाद मुझे फिर से बुलाया था और आज मुझे जेल भेज रहे हैं। जिसके बाद जय बाजपेई और उसके साथी प्रशांत शुक्ला को जेल भेज दिया।