पूरी दुनिया जहां कोरोना महामारी से जूझ रही है, वहीं सिर्फ 50 लाख की आबादी वाले न्यूजीलैंड में फरवरी में पहला मामला आने के बाद से अब तक संक्रमण के 1,570 मामले सामने आए हैं। इनमें से 1526 लोग ठीक भी हो चुके हैं। हालांकि 22 लोगों की मौत हुई है।
प्रफेसर माइकल बेकर बताते हैं कि न्यूजीलैंड ने शुरू से साहसी और सख्त फैसले लिए। शुरुआत में ही काफी सख्त लॉकडाउन लगाया। अपनी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर जोर दिया।
कोरोना संकट पर प्रभावी तरीके से ही कम समय में काबू पाने के लिए न्यूजीलैंड की विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर कई देशों में भी तारीफ की गई थी। न्यूजीलैंड में संभली हुई स्थिति के कारण ही लोग सामान्य जीवन जी पा रहे हैं।
न्यूजीलैंड दुनिया में एक मिसाल की तरह उभर कर सामने आया है। न्यूजीलैंड सरकार ने सख्ती से लॉकडाउन लागू कर संक्रमण को पूरी तरह काबू कर लिया। विशेषज्ञों का कहना है कि देश से संक्रमण खत्म होने के पीछे कई वजहे हैं।
दक्षिण प्रशांत में स्थित होने की वजह से इस देश को यह देखने का मौका मिला कि दूसरे देशों में यह संक्रमण कैसे फैला और अर्डर्न ने तेजी से कदम उठाते हुए देश में संक्रमण की शुरुआत में ही लॉकडाउन के कड़े नियम लागू किए और देश की सीमाओं को भी बंद कर दिया।