आतंक को खत्म करने के लिए इच्छाशक्ति दिखानी होगी, आतंकियों को मदद करने वालों पर सख्ती जरूरी- मोदी

हार्ट ऑफ एशिया

इंद्रकुमार विश्वकर्मा,

हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस पंजाब के अमृतसर में चल रही है। शनिवार देर शाम मोदी ने हार्ट ऑफ एशिया में आए चार देशों के फॉरेन मिनिस्टर्स से मुलाकात की। इसमें पाक पीएम नवाज शरीफ के एडवाइजर सरताज अजीज भी शामिल थे। इस कॉन्फ्रेंस में 40 से ज्यादा देशों के डेलिगेशन हिस्सा ले रहे हैं।  इस सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिना नाम लिए पाकिस्तान पर सीधा निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा, “टेरर नेटवर्क को खत्म करने के लिए हमें एकजुट होकर विरोध करना होगा। इसके लिए इच्छाशक्ति दिखानी होगी।”

प्रधानमंत्री बोले, “वो लोग कौन हैं जो अफगानिस्तान और आस पास के क्षेत्र को अस्थिर करने में लगे हुए हैं। आतंक के ऐसे आकाओं की पहचान होनी चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ हमें मिलकर इच्छाशक्ति दिखानी होगी।”

प्रधानमंत्री ने कहा,”हमारी कोशिश और एक्शन अफगानिस्तान में सुरक्षा को बढ़ाना है। अफगानिस्तान के सामने चुनौतियां हैं, लेकिन हम मिलकर उनसे निपटेंगे। हम सभी को मिलकर अफगानिस्तान और दूसरे देशों के कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए मजबूती से काम करना होगा।”

भारत-अफगानिस्तान संबंध पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,”हमारे अफगान के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता इस पूरे रीजन के लिए बहुत अहम है। अफगानिस्तान में शांति और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का विशेष योगदान जरूरी है। अफगानिस्तान और वहां के लोगों की भलाई के लिए भारत हमेशा साथ है।”

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच हार्ट ऑफ एशिया मंत्री स्तरीय सम्मेलन शुरू होने से पहले द्विपक्षीय मुलाकात हुई। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच सिक्युरिटी, स्टैबिलिटी के अलावा ट्रेड के मुद्दे पर चर्चा हुई।

पीएम मोदी ने पाकिस्तान पीएम के विदेश सलाहकार सरताज अजीज से भी की मुलाकात-

कल रात पीएम मोदी ने पाकिस्तान पीएम के विदेश सलाहकार सरताज अजीज से भी मुलाकात की थी। पीएम मोदी ने सरताज अजीज से हाथ मिलाया था। हार्ट ऑफ एशिया समिट में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत की उम्मीद कम ही है।

भारत 40 देशों के इस सम्मेलन में आतंकवाद को केंद्र मुद्दा बनाकर पाकिस्तान को घेरने की कोशिश करेगा। सूत्रों के मुताबिक सम्मेलन के आखिर में जारी होने वाले दस्तावेज में आतंकवाद पर विशेष जोर दिया जा सकता है।

हार्ट ऑफ एशिया

क्या है हार्ट ऑफ एशिया?
  • यह एनुअल कॉन्फ्रेंस कई चुनौतियों का सामना कर रहे अफगानिस्तान पर इस्तांबुल प्रॉसेस का हिस्सा है।
  • हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रॉसेस 2011 में शुरू की गई थी।
  • इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सउदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और यूएई शामिल हैं।
  • इस प्लेटफॉर्म का मकसद अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के बीच इकोनॉमिक, पॉलिटिकल और सिक्युरिटी को लेकर आपसी सहयोगी बढ़ाना है।
  • कनाडा, डेनमार्क, इजिप्ट, फ्रांस, फिनलैंड, जर्मनी, इराक, इटली, जापान, नॉर्वे, पोलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन और अमेरिका ने इस पहल का सपोर्ट किया है।

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