मुंबई: 14 सितंबर, 2023 (मुंबई), मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा संचालित, एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय से संलग्न, ‘महर्षि कर्वे उत्कृष्ट महाविद्यालय सम्मान-वर्ष 2022-23’ से सम्मानित बी.एम. रुइया गर्ल्स कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा IQAC के अधीन 14 सितंबर 2023 को हिंदी दिवस के अवसर पर श्रीमती सावित्रीदेवी विश्वनाथ चमड़िया अंतर्महाविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का विषय था “आधुनिक शिक्षा पद्धति में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश राष्ट्र के विकास की दिशा में एक सार्थक पहल है।”
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि डॉ. शीतला प्रसाद दुबे (कार्याध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई), विशिष्ट अतिथि सुधा श्रीमाली (बिजनेस एडिटर एवं डेप्युटी न्यूज एडिटर, नवभारत टाइम्स, मुंबई), मारवाड़ी सम्मेलन के संयुक्त मंत्री तथा वाद-विवाद प्रतियोगिता के प्रायोजक श्री ओमप्रकाश चमड़िया एवं मारवाड़ी सम्मेलन के सदस्य श्री आनंद प्रकाश गुप्ता उपस्थित थे। निर्णायक के रूप में डॉ. रमा सिंह, डॉ. रवींद्रनाथ तिवारी एवं डॉ. इंद्रकुमार विश्वकर्मा उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि “मारवाड़ी सम्मेलन पिछले 107 वर्षों से लगातार हिंदी माध्यम से मुंबई जैसे व्यावसायिक शहर में अपने शैक्षणिक संस्थाओं के द्वारा बहन-बेटियों की शिक्षा और नारी सशक्तिकरण की दिशा में प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस भावना को प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपनाकर समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव की प्रेरणा लेने का संदेश दिया साथ ही आधुनिक शिक्षा एवं भारतीय परंपरा के बारे में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी।”
विशिष्ट अतिथि सुधा श्रीमाली ने अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक विषय का चयन इस प्रतियोगिता के लिए करने हेतु प्राचार्या एवं हिंदी विभाग की सराहना की, साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व के विषय में प्रतियोगियों का मार्गदर्शन कर उन्हें प्रोत्साहित किया और महाविद्यालय में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता के सफल आयोजन हेतु मारवाड़ी सम्मेलन को बधाई दी।
प्राचार्या डॉ. संतोष कौल काक ने प्रतियोगियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि “बदलते सामाजिक परिवेश और भारतीय मूल्य एवं शिक्षा व्यवस्था को समावेशी बनाना अति आवश्यक है। यह समावेशी व्यवस्था भारतीय प्राचीन ज्ञान परंपरा के बिना नहीं चल सकती। भारतीय ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक विरासत देश की समृद्ध पहचान है और इसे सुरक्षित रखना हमारा उत्तरदायित्व है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसके महत्व को समझते हुए तथा विदेश के साथ सांस्कृतिक संबंधों को स्थापित करने के लिए प्रवासी अध्ययन केंद्र स्थापित कर वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को विकसित किया जा रहा है।” प्रतियोगिता की निर्णायक मंडली ने भी विषय पर अपना मंतव्य रखते हुए प्रतियोगियों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में एस.एन.डी.टी महिला विश्वविद्यालय एवं मुंबई विश्वविद्यालय के लगभग 20 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
प्रथम पुरस्कार- सेजल शुक्ला (बी.एम. रुइया गर्ल्स कॉलेज), द्वितीय पुरस्कार- खुशी शर्मा (वी.पी.एम कॉलेज, मुलुंड), तृतीय पुरस्कार- स्वाति प्रजापति (बी.एम. रुइया गर्ल्स कॉलेज), अहिंदी भाषी प्रोत्साहन पुरस्कार- वेदांत पंड्या (एन.एम. कॉलेज) एवं प्रतियोगिता की शील्ड पाने का गौरव बी.एम. रुइया गर्ल्स कॉलेज को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनीता मिश्रा तथा प्राध्यापिका मंजू यादव ने किया। निर्णायकों का परिचय श्रीमती सपना भांमरी ने, धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापक रामलखन पाल ने किया।