ग्राम प्रधान के भाई और उसके साथी को उतारा मौत के घाट

Navprabhat Times

कुलदीप विश्वकर्मा | NavprabhatTimes.com

बदलापुर(जौनपुर):जिले के बदलापुर कोतवाली क्षेत्र के मिरशादपुर के पास स्थित पेट्रोल पम्प के निकट बुधवार की रात बदमाशों ने स्कार्पियों सवार प्रतापगढ़ जिले के बरचौली के ग्राम प्रधान के छोटे भाई की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी। उसका साथी भी गंभीर रूप से घायल हो गया। गुरुवार को उपचार के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया। स्कार्पियों में तीसरा व्यक्ति भी था जो गोली चलते ही भाग निकला। उसे गोली लगी या नहीं यह पता नहीं चल सका।

जानकारी के अनुसार सफारी व स्कार्पियों से आए बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया और धनियामऊ  की ओर भाग निकले। घटना के बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया और वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना की जानकारी होते ही मौके पर तीन थानों की फोर्स के अलावा एएसपी ग्रामीण भी पहुंच गए। परिवार के लोगों को भी सूचना दे दी गयी थी। गम्भीर रूप से घायल को जिला अस्पताल भेजा गया जहां उसकी हालत गम्भीर है। हत्या के पीछे लेन-देन का विवाद सामने आ रहा है। प्रधान के परिवार में कोयले का कारोबार होता है। जिन लोगों पर शक जताया जा रहा है वह ईंट-भट्ठा के कारोबारी हैं।

बताते हैं कि प्रतापगढ़ जिले के आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र स्थित बरचौली गांव निवासी अखिलेश यादव नई स्कार्पियो से बदलापुर किसी कार्य से आए थे। उनके बगल में 26 वर्षीय वीरेन्द्र यादव निवासी मोलनापुर बदलापुर और पीछे की सीट पर बलुआ बदलापुर का 20 वर्षीय अतुल यादव था। तीनों धनियामऊ की ओर जा रहे थे। मिरसादपुर पेट्रोल पम्प के पास स्कार्पियों, सफारी सवार बदमाशों ने उन्हें ओवरटेक कर रोक स्कार्पियों को घेरकर फायरिंग शुरू कर दी। राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित पेट्रोल पंप के सामने लगभग 15 राउंड गोली चलायी गयी। चालक सीट पर बैठे प्रधान के भाई अखिलेश यादव की गोली लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। बगल में बैठे वीरेन्द्र सिर में गोली लगने से घायल हो गए। उसने वाहन से उतरकर भगाने की कोशिश की तो हमलावरों ने मारकर उनका पैर तोड़ दिया। घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कम्प मच गया। खून से लथपथ प्रधान के भाई की लाश देखकर लोग आक्रोशित हो गये। इसी बीच पास से गुजर रही बोलेरो को क्षतिग्रस्त कर दिया जिससे उसमें सवार लोग सहम गये। वहां से गुजर रही बस कुछ ही सेकंड में ही पूरी तरह खाली हो गयी। बसों में सवार लोग पैदल ही भाग खड़े हुए। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। हालत यह हो गयी थी कि पुलिस भी उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। लगभग साढ़े 11 बजे के बाद तीन थानों की पुलिस फोर्स और एएसपी ग्रामीण पहुंचे और समझा बुझाकर मामला शांत कराया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया। गुरुवार को वीरेंद्र यादव की भी जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गयी।

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