दोहा काव्यकृति ‘शिरीष के फूल’ का लोकार्पण व कवि सत्यकाम शिरीष का सम्मान समारोह

कानपुर: साहित्यिक संस्था तरंग के तत्वाधान में ‘कालजयी कवि सत्यकाम शिरीष और उनकी कविताएं’ नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। इस मौके पर कवि सत्यकाम शिरीष और तरंग संस्था के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

कवि सत्यकाम शिरीष ने बताया कि वह लगभग 6 दशकों से कविता और पुस्तक लिखने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने लगभग 12 पुस्तकें लिखीं हैं। वहीं नौबस्ता के रामजानकी वाटिका में दो पुस्तकों का विमोचन किया। जिनमें से उनके जीवन पर आधारित “कालजयी कवि सत्यकाम शिरीष और उनकी कविताएं” नामक पुस्तक और दोहा काव्यकृति “शिरीष के फूल” का लोकार्पण किया गया। वरिष्ठ साहित्य समीक्षक डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय की अध्यक्षता में मुख्य वक्ता के रूप में रामकृष्ण शर्मा, मुख्य अतिथि डॉ प्रमिला अवस्थी, डॉ विमलेश शर्मा, शिक्षाविद विष्णुदत्त द्विवेदी, डॉ. दया दीक्षित के द्वारा वरिष्ठ कवि डॉ. सत्यकाम शिरीष के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने विचार व्यक्त किये और फूलमाला पहनाकर उनका स्वागत सम्मान भी किया गया।

इस मौके पर संचालक कवि सुरेंद्र सीकर, बाल गोविंद द्विवेदी, आचार्य राम सिंह, सुरेश गुप्त, हरीश साहू, गोपाल मिश्र, विराट, सर्वेश, अनुज, जयराम, चक्रधर, हरिलाल, रामनरेश सिंह, अजीत, राजकुमार, उदयनारायण, पंकज, रमेश, नारायणी, ललिता, मंजू, मधु सहित अनेक कवि, लेखक विद्वान और साहित्यप्रेमी मौजूद रहे।

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