कानपुर दक्षिण। बर्रा थाना अंतर्गत बीते माह 22 जून को हुआ संजीत अपहरण कांड अब संजीत हत्या कांड में तब्दील हो गया है। इसकी एक ही वजह रही वो है बर्रा पुलिस की निष्क्रियता। पुलिस के नाक के नीचे पुलिस की मौजूदगी में अपहरणकर्ता परिजनों से फिरौती ले गए, लेकिन पुलिस तो शायद जानबूझकर गच्चा खा रही थी। हालाँकि फिरौती की रकम लेने से पहले ही अपहरणकर्ताओं ने संजीत को मौत के घाट उतार दिया था।
बर्रा पुलिस की किरिकिरी होते देख आखिर पुलिस ने संजीत के हत्यारोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार कर ही लिया। गुरुवार को जब मृतक संजीत की बहन रूचि समेत उसके परिजनों को संजीत की हत्या की जानकारी हुई, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। और आखिकार संजीत की हत्या पर उसकी बहन ने पुलिस की निष्क्रियता के ढेर सारे राज खोल कर रख दिए। रोती बिलखती रूचि ने कहा कि आखिर पुलिस, साइबर सेल और एसटीएफ सब के सब फेल हो चुके हैं।
हालांकि बर्रा के पूर्व इंस्पेक्टर रणजीत राय को करीब दस दिन पहले ही निलम्बित किया जा चूका है, रूचि ने रोते हुए शासन से गुहार लगाई कि भाई के अपहरण में निष्क्रियता और लापरवाही बरतने वाले निलम्बित इंस्पेक्टर रणजीत राय और मैडम को जेल भेजा जाए। परिजनों ने इस मामले में बर्रा थाने के एक दारोगा समेत कई पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने संजीत हत्या कांड में प्रेसवार्ता कर बताया कि संजीत की हत्या के मामले में गुरुवार को एक युवती समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
पांच आरोपियों में दो आरोपी पहले संजीत के साथ ही पैथोलॉजी में काम कर चुके हैं। फिरौती की रकम लेने के बाद भी संजीत वापस नही आया। तो परेशान पुलिस ने कार्यवाही तेज कर दी। हालाँकि आरोपियों से पूछताछ में पुलिस की नाकामी की पोल खुल गई। हत्यारोपियों ने बताया कि फिरौती की रकम लेने से पहले 27 जून को ही संजीत को नशीला पदार्थ खिलाकर उसका गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया गया था।