सहकारी समितियों की जर्जर इमारत, दे रही है मौत को दावत । जिम्मेदार मौन

कानपुर- ग्रामीण क्षेत्र में बनी अधिकतर सहकारी समिति की इमारत आय दिन मौत को दावत दी रही है। इन इमारतों की हालत इतनी खराब हो चुकी है, कि कभी भी इमारत का कोई हिस्सा गिर सकता है और कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। सहकारी समिति के उच्च अधिकारियों को कई बार इस संगीन मामले के बारे में बताया लेकिन अभी तक कोई कार्यवाई नही हो सकी।

कानपुर- बिधनू ब्लाक की सहकारी समितियों की जर्जर इमारत

शुक्रवार को कानपुर जिले के बिधनू ब्लाक अंतर्गत स्थित सहकारी समिति में मौजूद अधिकारियों/कर्मचारियों की बैठक हुई। सहकारी संघ में मौजूद सहकारी पर्यवेक्षक रामसजीवन ने बताया कि पिछले कई वर्षों से बिधनू ब्लाक की लगभग सभी समितियों की इमारत बहुत ही जर्जर हो चुकी है। जिसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि जर्जर इमारत के चलते कई बार किसान आंशिक रूप से घायल हो चुके हैं। इसकी शिकायत कई बार प्रति वर्ष उच्च अधिकारियों को की गई, लेकिन अभी तक इस संगीन मामले में किसी भी अधिकारी ने कार्यवाई कर सुरक्षा हेतु कुछ भी नहीं किया। इमारत की दीवारो में दरार पड़ चुकी है, छत की सरिया बाहर आ रही है। राम सजीवन ने बताया कि इसी जर्जर इमारत में इनका निवास भी है, जिस कारण जर्जर इमारत से काफी घबराए हुए है, बताया कि कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है और अगर समय रहते इस मामले में किसी ने कार्यवाई नहीं की, तो इसके जिम्मेदार सम्बंधित उच्च अधिकारी होंगे। समिति में बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिलाधिकारी को लेखाजोखा दिया जा रहा है। लेकिन कई बार शिकायत और दस्तावेज उपलब्ध कराने के बावजूद भी समिति की इमारत की हालत खस्ता बनी हुई है। समिति में लगभग 3 वर्षों से किसी भी कर्मचारी को तनख्वाह न मिलने की भी बात सामने आई है। बिधनू ब्लाक की जर्जर इमारतों से भयभीत रामसजीवन सहित रामनाथ पाल, राजेश सिंह, अजय पाल यादव, वीरेंद्र कुमार, सोमपुर यादव, ब्रजेश, घनश्याम श्रीवास्तव ने बैठक में अधिकारियों से गुहार लगाने की मीडिया को बात बताई।

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