चीन के विश्वविद्यालयों में आयोजित हुआ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

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हिंदी विभाग, मणिबेन नानावटी महिला महाविद्यालय, मुंबई द्वारा एशियाई भाषा और संस्कृति विभाग, क्वांग्तोंग वैदेशिक अध्ययन विश्वविद्यालय, क्वांगचौ एवं शिंजन विश्वविद्यालय, शिंजन चीन में दि. 24 से 26 अक्टूबर तक मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान के प्रथम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, 2016 का आयोजन हुआ। सम्मेलन का विषय था- शिक्षा एवं शोध की नई दिशाएँ।

इस सम्मेलन से दोनों देशों के बीच शिक्षा और शोध के नए द्वार खुलेंगे

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए चीन में भारत के कौंसुल जनरल श्री वाइ के सैलास थंगल ने कहा कि इस सम्मेलन से दोनों देशों के बीच शिक्षा और शोध के नए द्वार खुलेंगे, हमें अपने मूल्यों के अनुसार अपनी दिशाएँ तय करनी होंगी। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. शशिकला वंजारी ने सम्मेलन के विषय की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों देशों को शिक्षा की महत्ता को ध्यान में रखते हुए आपसी साझेदारी, सहयोग और एकत्व की भावना को आगे बढ़ाना होगा।

क्वांग्तोंग विश्वविद्यालय प्रो. ल्यू यूयुआन ने सम्मेलन के सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। सम्मेलन की भारतीय निदेशिका और मणिबेन नानावटी महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. हर्षदा राठोड़ ने शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण पर ज़ोर देते हुए कहा कि शिक्षा के ये अवसर हर विद्यार्थी तक समान रूप से पहुंचें।

इस सम्मेलन के निदेशक श्री हू रुई, कार्यकारी आयोजक श्रीमती तिअन केपिंग और क्वांग्तोंग विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर डॉ. गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’ ने सभी अतिथियों का उत्तरीय, सम्मान-पत्र आदि से स्वागत किया। इस सम्मेलन में भारत तथा चीन के विद्वानों ने शिक्षा और शोध की नई दिशाओं से संबंधित बीस से अधिक गंभीर शोध पत्र प्रस्तुत किए। सम्मेलन का समापन समारोह दि. 26 अक्टूबर को शिंजन विश्वविद्यालय, शिंजन के भारतीय अध्ययन केंद्र के खचाखच भरे सभागार में हुआ।

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इस सम्मेलन के भारतीय आयोजक और नानावटी महिला महाविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष रवींद्र कात्यायन ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में इस तरह के अनेक आयोजन भारत और चीन में होंगे। इस अवसर पर क्वांग्तोंग विश्वविद्यालय की हिंदी पत्रिका इंदु-संचेतना का विमोचन भी हुआ। सम्मेलन में भारत के सांस्कृतिक कौंसुल श्री मनोज कुमार, क्वांग्तोंग विश्वविद्यालय के प्रो. हू रुई, तिअन केपिंग, प्रो. ल्यू यूयुआन, प्रोफेसर डॉ. गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’ उपस्थित थे। समापन समारोह में शिंजन विश्वविद्यालय के प्रो. यू लॉन्ग्यू, विलियम यून, डॉ. शू युआन, की फेंग, श्री पेट्रिक के साथ-साथ सौ से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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